Shree Swami Samarth Nam:

|| श्री स्वामी समर्थ ||


|| श्री मंगल मूर्ती शबर मंत्र||



श्रीगणेशाय नमः ।
मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन ॐ विघ्नेशो विश्ववरदो विश्वचक्षुर्जगत्पतिः दिव्य मंगलमूर्ति केतु पालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन हिरण्यरूपः सर्वात्मा ज्ञानरूपो जगन्मयः दिव्य मंगलमूर्ति शुक्र पालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन सर्वज्ञः सर्वगः शान्तो गजास्यो विगतज्वरः दिव्य मंगलमूर्ति सूर्य पालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन विश्वमूर्तिरमेयात्मा विश्वाधारः सनातनः दिव्य मंगलमूर्ति चन्द्र पालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन सामगानप्रियो मन्त्री सत्त्वाधारः सुराधिपः दिव्य मंगलमूर्ति मंगल पालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन समस्तसाक्षी निर्द्वन्द्वो निर्लिप्तोऽमोघविक्रमः दिव्य मंगलमूर्ति राहू पालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन नियतो निर्मलः पुण्यकामदः कान्तिदः कविः दिव्य मंगलमूर्ति बृहस्पती पालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन कामरूपी कामवेषो कमलाक्षः कलाधरः दिव्य मंगलमूर्ति शनि पालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन सुमुखः सर्वदः शुद्धो मूषिकाधिपवाहनः दिव्य मंगलमूर्ति बुध पालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन दीर्घतुण्डघनुः श्रीमाननन्तो मोहवर्जितः दिव्य मंगलमूर्ति केतु चालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन वक्रतुण्डः शूर्पकर्णो परमं पावनेश्वरः दिव्य मंगलमूर्ति शुक्र चालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन योगीशो योगवन्द्याङ्घ्रिरुमाजनुरयापहः दिव्य मंगलमूर्ति सूर्य चालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन एकदन्तो महाग्रीवः शरण्यः सिद्धसेवितः दिव्य मंगलमूर्ति चन्द्र चालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन सिद्धिदः करुणासिन्धुः भगवान् भव्यविग्रहः दिव्य मंगलमूर्ति मंगल चालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन विकटः कपिलो ढुण्ढिरुग्रो भीमोदरः शुभः दिव्य मंगलमूर्ति राहू चालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन गणाध्यक्षो गणाराध्यो गणेशो गणनायकः दिव्य मंगलमूर्ति बृहस्पती चालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन ज्योतिःस्वरूपो भूतात्मा धूमकेतुरनाकुलः दिव्य मंगलमूर्ति शनि चालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन कुमारगुरुरानन्दो हेरम्बो वेदसंस्तुतः दिव्य मंगलमूर्ति बुध चालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन नागोपवीती दुर्धर्षो बालदूर्वाङ्कुरप्रियः दिव्य मंगलमूर्ति केतु मालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन भालचन्द्रो विश्वधामा शिवपुत्रो विनायकः दिव्य मंगलमूर्ति शुक्र मालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन लीलावलम्बितवपुः पूर्णः परमसुन्दरः दिव्य मंगलमूर्ति सूर्य मालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन विघ्नान्धकारमार्ताण्डो विघ्नारण्यदवानलः दिव्य मंगलमूर्ति चन्द्र मालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन सिन्धूरवदनो नित्यो प्रभुः प्रथमपूजितः दिव्य मंगलमूर्ति मंगल मालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन शरण्यदिव्यपादाब्जो भक्तमन्दारभूरुहः दिव्य मंगलमूर्ति राहू मालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन रत्नसिह्मासनासीनो मणिकुण्डलमण्डितः दिव्य मंगलमूर्ति बृहस्पती मालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन भक्तकल्याणदोऽमेयः कल्याणगुणसंश्रयः दिव्य मंगलमूर्ति शनि मालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल श्री शिव गौरी नंदन विष्णुः प्रमथपूजितःपवनः पावनो वरः दिव्य मंगलमूर्ति बुध मालक सदा करो मेरा मंगल मंगल मंगल॥ सर्व मंगल मांगल्ये मंगलमूर्ति वरदायी सर्वार्थ साधिके .शरण्ये ( श्री ) गौरी पुत्र शिव सुत मंगल मुरती नमोस्तुते॥ मंगल ज्ञानी मंगलमूर्ति ,मंगल सज्ञानी मंगलमूर्ति ॥ मंगल धता मंगलमूर्ति मंगल संधाता मंगल मूर्ति च॥ मंगल कामना पूरक मंगलमूर्ति मंगल अष्ट सिद्धि दाता मंगल मूर्ति ॥ मंगल कला धारण करता मंगलमूर्ति ,मंगल संपत करता मंगल मूर्ती च॥ पूरब में अणिमा मंगलमूर्ति, अगन में गरिमा मंगल मूर्ति॥ दक्खन में लघिमा मंगलमूर्ति,नैरुत में महिमा मंगलमूर्ति॥ पश्चम में प्राप्या मंगलमूर्ति,वयुकोण में प्रकामा मंगलमूर्ति॥ उत्तर में इशत्त्व मंगलमूर्ति,ईशान में वशत्व मंगलमूर्ति उर्ध्व में त्रिलोक रजा मंगल मूर्ती॥ पाताल से त्रिलोकनायक मंगलमूर्ति ॥ मंगल दाता ,मंगल धाता ,मंगल करता ,मंगल धर्ता,मंगल वेत्ता,मंगल ज्ञाता ॥ मंगल मंगल मंगल संजीवन करता मंगल मंगल मंगल ॥ मंगल मंगल मंगल संधारण करता मंगल मंगल मंगल॥ जय हो मंगलमूर्ति ॥ त्रिकाल रक्षित सदा ही करो मंगल मंगल मंगल॥ आकाश से महा सिद्धि दाता मंगलमूर्ति॥ मंगलमूर्ति त्रिकाळ दर्शी वरद मूर्ती अभय दाता त्रिकाळ रक्षकी सदा हि करो मेरा मंगल मंगल मंगल नमो नमस्ते ॥ॐ मंगलमुर्ती गणाधिपाय नमः । ॐ मंगलमुर्ती उमापुत्राय नमः । ॐ मंगलमुर्ती अभयप्रदाय नमः । ॐ मंगलमुर्ती एकदान्ताय नमः । ॐ मंगलमुर्ती इभवक्त्राय नमः । ॐ मंगलमुर्ती आखुवाहनाय नमः । ॐ मंगलमुर्ती विनायकाय नमः । ॐ मंगलमुर्ती ईशपुत्राय नमः । ॐ मंगलमुर्ती सर्वसिद्धिवरप्रदायकाय नमः । ॐ मंगलमुर्ती वक्रतुंडाय नमः । ॐ मंगलमुर्ती लंबोदराय नमः । ॐ मंगलमुर्ती विध्नविध्वंसकर्त्रे नमः । ॐ मंगलमुर्ती अमरेश्वराय नमः । ॐ मंगलमुर्ती विश्ववंद्याय नमः । ॐ मंगलमुर्ती नागयज्ञोपविते नमः । ॐ मंगलमुर्ती गजवक्त्राय नमः । ॐ मंगलमुर्ती भाल्चंद्राय नमः । ॐ मंगलमुर्ती परशुधारिणे नमः । ॐ मंगलमुर्ती विघ्नाधिपाय नमः । ॐ मंगलमुर्ती सर्वविद्याप्रदायकाय नमः ।


॥ श्री गुरुदत्तात्रेयार्पणमस्तु ॥
|| श्री स्वामी समर्थापर्ण मस्तु||

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