मंत्र - 
ॐ ह्रीं ह्रूं बन्दी देव्यै नमः   
इस मन्त्र का जाप गुरूजी के निर्देश अनुसार करे । 
 
उपाय - 
१.सुनवाई के लिए जाते समय अपने साथ मुट्ठी भर चावल लेकर जाएँ और उन्हें कचहरी में बाई ओर कहीं फेंक दें, जिस कक्ष में सुनवाई हो रही हो, ध्यान रखें ऐसा करते समय कोई देखे नहीं। 
२.सूर्योदय से पहले चावल के ५१  दाने लेकर ,उसे बीज मंत्र ‘क्रीं’ का ५१ बार जाप करें तथा उसे अपने घर में उतर दिशा में लाल  कपडे में बांध कर फेंक दें।एक नारियल ले,उसे एक मुठी तिल के साथ लाल कपडे में बंद कर किसी उजाड़ स्थान पर रख आए, ध्यान रखें पीछे मुड़कर नहीं देखना है । 
 
 
॥बंदी मोचन स्तोत्रम् ॥ 
 
बन्दी देव्यै नमस्कृत्य वरदाभय शोभितम्। 
तदाज्ञांशरणं गच्छत् शीघ्रं मोचं ददातु मे॥१॥ 
 
बन्दी कमल पत्राक्षी लौह श्रृंखला भंजिनीम्। 
प्रसादं कुरू मे देवि! शीघ्रं मोचं ददातु मे॥२॥ 
 
त्वं बन्दी त्वं महा माया त्वं दुर्गा त्वं सरस्वती। 
त्वं देवी रजनी चैव शीघ्रं मोचं ददातु मे॥३॥ 
 
त्वं ह्रीं त्वमोश्वरी देवि ब्राम्हणी ब्रम्हा वादिनी। 
त्वं वै कल्पक्षयं कर्त्री शीघ्रं मोचं ददातु मे॥३॥ 
 
देवी धात्री धरित्री च धर्म शास्त्रार्थ भाषिणी। 
दु: श्वासाम्ब रागिणी देवी शीघ्रं मोचं ददातु मे॥४॥ 
 
नमोस्तुते महालक्ष्मी रत्न कुण्डल भूषिता। 
शिवस्यार्धाग्डिनी चैव शीघ्रं मोचं ददातु मे॥५॥ 
 
नमस्कृत्य महा-दुर्गा भयात्तु तारिणीं शिवां। 
महा दु:ख हरां चैव शीघ्रं मोचं ददातु मे॥६॥ 
 
इंद स्तोत्रं महा-पुण्यं य: पठेन्नित्यमेव च। 
सर्व बन्ध विनिर्मुक्तो मोक्षं च लभते क्षणात्॥७॥ 
 
॥ इति बंदी मोचन स्तोत्रम् सम्पूर्ण ॥